एक पत्थरों का गुम्बद है
और पंछियों का सुर है गूँज रहा
एक कहानी है जो लिखी नहीं गई
और एक सुनाने को मन मचल रहा
रंगीन इस शहर में
क्यों सफ़ेद और काला है यह पल
रूकते हुए जैसे कोई ग़ज़ल
आज शुरू होने को है
एक तो पत्थरों के हैं यह लोग अनेक
और बंजर इनका मन है बन गया
एक कविता है जो नहीं बनी
और एक अधूरा ख़्वाब है करवट बदल रहा
एक रौशनी की किरण
और अँधेरी कोठरी
एक खुला आसमान
और एक बंद दरवाज़ा
और पंछियों का सुर है गूँज रहा
एक कहानी है जो लिखी नहीं गई
और एक सुनाने को मन मचल रहा
रंगीन इस शहर में
क्यों सफ़ेद और काला है यह पल
रूकते हुए जैसे कोई ग़ज़ल
आज शुरू होने को है
एक तो पत्थरों के हैं यह लोग अनेक
और बंजर इनका मन है बन गया
एक कविता है जो नहीं बनी
और एक अधूरा ख़्वाब है करवट बदल रहा
एक रौशनी की किरण
और अँधेरी कोठरी
एक खुला आसमान
और एक बंद दरवाज़ा
- Diary of an Oxymoron
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