जकड़े हुए जो हैं बेड़ियां मेरे इन क़दमों को
क्या इस दुनिया कि हैं बनाई
या फिर खलल हैं मेरे ही मस्तिष्क का
जो मैंने हस्ते हस्ते अपने क़दमों को हैं पहनाई
- Diary of an Oxymoron
क्या इस दुनिया कि हैं बनाई
या फिर खलल हैं मेरे ही मस्तिष्क का
जो मैंने हस्ते हस्ते अपने क़दमों को हैं पहनाई
- Diary of an Oxymoron
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